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Nautanki book pyar ka pyasa urf vishela amrit

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अमरजीत नौटंकी कथा  कहानी में आपका स्वागत है  आज हम आपको  Amarjeet nautanki books. में एक और शानदार नौटंकी कहानी के बारे में बताएंगे जिस का नाम है प्यार का प्यासा उर्फ विषैला अमृत आइए दोस्तों हम इस नौटंकी किताब की     कहानी को संगीत के माध्यम से विस्तार  से जाने।।  नौटंकी संगीत  प्यार का प्यासा उर्फ विषैला अमृत Nautanki Pyar ka pyasa  urf vishela amrit. मङ्गलाचरण दो०- रे मन मूरख छोड़ दे, आज से करना पाप ।  पाप तुम्हारा बाप है, कर ले हरि का जाप ।।  चौ०-करले हरि का जाप इसी में सबका है कल्याण ।  व्यर्थ समय क्यों जा रहा किधर है तेरा ध्यान ।।  .गीता और रामायण पढ़ लो आ जाये तब ज्ञान।  सच्चे दिल से अगर चाह लो मिल जाये भगवान ।।  कवि दो०- दास्तान बिजनौर की, लिखता हूँ मैं आज । इसी शहर में थे कोई, जमींदार नटराज ।। चौ० - जमींदार नटराज राज्य में यश का नूर था फैला। इन्हीं की दो बेटी थीं यारों बिंदिया और विषैला ।। नाजी बिंदिया का रहता था हरदम ही मन मैला । किन्तु विषैला भोलेपन से लगती थी जैसे लैला ।।  कौ० ...

Nautanki Kitab maut ka jhula उर्फ जोड़ का तोड़

  अमरजीत नौटंकी कथा  कहानी में आपका स्वागत है  आज हम आपको  Nautanki book   की एक और शानदार नौटंकी कहानी के बारे में बताएंगे जिस का नाम है मौत का झुला उर्फ जोड़ का तोड़ आइए दोस्तों हम इस नौटंकी किताब की    कहानी को संगीत के माध्यम से विस्तार  से जाने।। नौटंकी   संगीत  मौत का झूला उर्फ जोड़ का तोड़ ॥ मंगलाचरण | दोहा- विनय करूँ कर जोर कर, . दधि माखन के चोर। तुम्हें कंधइया मैं कहूँ, या कि नन्दकिशोर ।। चौ०-या कि नन्दकिशोर नन्द बाबा के कृष्ण कंधइया । आज सभा में लाज राखि द बलदाऊ के भइया ।। पापी दीन मलीन दुखी जन के उद्धार करइया । गुरु रामलोचन' हैं अब तो मुझको छन्द सिखइया ।। दौड़-तुम्हीं गिरधर गोपाला, तुम्हीं सन्तन प्रतिपाला । तेरा मात्र सहारा ! सन्तलाल' और दास 'त्रिफला' अन्तिम समय पुकारा।। कवि दोहा-कंचनपुर की दास्ताँ, सुनो लगा के ध्यान। कंचन सिंह राजा हुये, उसी देश दरम्यान ।। चौ०-उसी देश दरम्यान प्रजा करती उनकी इज्जत थी। रजनी रानी कंचन सिंह की सहनशील औरत थी।। पापी दुष्कर्मों से हरदम उन्हें सख्त नफरत थी। प्रजा रहे खुशहाल हमेशा नृप की ये...